दिल्ली चुनाव: पिछले पाँच सालों में कैसे-कैसे बदली अरविंद केजरीवाल की राजनीति?
1 min readलेकिन वक्त का पहिया घूमा और एक आंदोलन देखते ही देखते राजनीति पार्टी में बदल गया.आज अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी दिल्ली में सत्ता पर क़ायम है और आने वाले चुनाव में भी पूरी टक्कर दे रही है.पाँच साल पहले जब ये पार्टी ज़बरदस्त बहुमत के साथ जीतकर आई तो उससे पहले तीन बार कांग्रेस सत्ता में रह चुकी थी और बीजेपी उफान पर थी.इन दो बड़ी पार्टियों के बीच में देश की राजधानी में किसी नई पार्टी का इस तरह उभरना नामुमकिन सा लगता था, लेकिन ऐसा हुआ और ये कैसे हुआ, ये जानने के लिए हमें जाना होगा साल 2011 में, जब सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जन आंदोलन खड़ा हुआ था
इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया कि वो एक राजनीतिक पार्टी बनाएंगे. यहीं से अरविंद केजरीवाल की राजनीति का बीज पड़ा और 2 अक्टूबर 2012 को आम आदमी पार्टी अस्तित्व में आई.लेकिन राजनीतिक पार्टी बनाने के फ़ैसले पर सवाल भी उठा. अन्य पार्टियों का कहना था कि केजरीवाल ने आंदोलन ही राजनीतिक पार्टी बनाने के लिए किया था. अन्ना हज़ारे भी राजनीतिक पार्टी के पक्ष में नहीं थे.हालांकि, अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगियों का कहना था कि देश को भ्रष्टाचार से छुटकारा दिलाने का यही तरीक़ा है कि वो राजनीति में जाएं और सरकार में घुसकर सिस्टम को अंदर से साफ़ करें