MADHYA PRADESH: की राजनीतिक खींचतान के बीच दो विधायकों के कांग्रेस खेमे में जाने से भाजपा अपने विधायकों को बचाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रही
1 min readसपा, बसपा व निर्दलीय विधायकों के समर्थन पर टिकी कांग्रेस की सरकार भी भाजपा के संभावित पलटवार को लेकर सतर्क है। साथ ही वह एक और सेंध लगाने को कोशिश में है ताकि दूसरे दलों पर निर्भरता कम की जा सके। हालांकि भाजपा भी कांग्रेस व अन्य दलों के विधायकों के संपर्क में हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पद का चेहरा साफ न होने से उसका दांव चल नहीं पा रहा है।
कांग्रेस को समर्थन देने वाले दो विधायक नारायण त्रिपाठी व शरद कौल अभी तकनीकी तौर पर भाजपा के विधायक हैं। कांग्रेस का दावा है कि भाजपा के चार से पांच विधायक उसके संपर्क में है। अगली बार जब भी विधानसभा में मौका आएगा तब वे कांग्रेस के खेमे में खड़े होंगे। भाजपा भी दो विधायकों के पाला-बदल के बाद बेहद सतर्क है और अपने एक-एक विधायक पर नजर रख रही है।
दूसरे दलों पर दांव कांग्रेस के खेमे में सेंध लगाने के साथ भाजपा कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे दूसरे दलों को भी साथ लाने पर भी काम कर रही है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल नेता का है। सूत्रों के अनुसार भाजपा के एक रणनीतिकार ने दूसरे दलों को दिल्ली में भाजपा नेतृत्व से मिलवाने की तैयारी भी कर ली थी, लेकिन भाजपा का नेता कौन होगा इस पर मामला लटक गया।