May 8, 2024

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शाहीन बाग : शाहीन बाग में ठंड से हुई बच्‍चे की मौत, नहीं डिगा मां-बाप का हौसला

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शाहीन बाग प्रदर्शन का पहले दिन से हिस्सा रहा 4 माह का मासूम मोहम्मद जहां दुनिया से विदा हो गया। कड़कड़ाती ठंड में प्रदर्शन के दौरान ठंड लगने से उसकी मौत हो गई। प्रदर्शन स्थल पर अपनी मुस्कराहट से वह सभी का चहेता था।

चार महीने के मोहम्मद जहां को उसकी मां रोज शाहीन बाग के प्रदर्शन में ले जाती थी। वहां प्रदर्शनकारी उसे अपनी गोद में लेकर खिलाते थे और अक्सर उसके गालों पर तिरंगे का चित्र बना दिया करते थे। लेकिन मोहम्मद अब कभी शाहीन बाग में नज़र नहीं आएगा। पिछले हफ्ते ठंड लगने के कारण उसकी मौत हो गई।

उधर, मां नाजिया बेटे की मौत से टूट तो गई है, लेकिन उसका हौसला नहीं डिगा है। नाजिया का कहना है कि अपने बाकी बच्चों के भविष्य के लिए सीएए के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी।

यूपी के बरेली का है यह परिवार
मोहम्मद जहां के माता-पिता नाजिया और आरिफ बाटला हाउस इलाके में प्लास्टिक और पुराने कपड़े से बनी छोटी सी झुग्गी में रहते हैं। उनके दो और बच्चे हैं- पांच साल की बेटी और एक साल का बेटा।’ उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले दंपत्ति मुश्किल से अपना रोज़मर्रा का खर्च पूरा कर पाते हैं। आरिफ कढ़ाई का काम करते हैं और ई- रिक्शा भी चलाते हैं। उनकी पत्‍नी नाजिया कढ़ाई के काम में उनकी मदद करती हैं।

आरिफ ने कहा, ‘कढ़ाई के काम के अलावा, ई-रिक्शा चलाने के बावजूद मैं पिछले महीने पर्याप्त नहीं कमा सका। अब मेरे बच्चे का इंतकाल हो गया। हमने सब कुछ खो दिया।’ उन्होंने मोहम्मद की एक तस्वीर दिखाई, जिसमें उसे एक ऊनी कैप पहनाई गई है जिसपर लिखा है, ‘आई लव माई इंडिया।’

‘न एनआरसी और सीएए आता न मौत होती’
उन्होंने कहा, ‘सीएए मज़हब के आधार पर बांटता है और इसे कभी स्वीकार नहीं करना चाहिए। मुझे नहीं पता है कि क्या इसमें राजनीति शामिल है, लेकिन बस इतना जानती हूं कि जो मेरे बच्चों के भविष्य के खिलाफ है, उस पर मैं सवाल करूंगी।’ आरिफ ने अपने बच्चे की मौत के लिए एनआरसी और सीएए को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा, ‘अगर सरकार सीएए और एनआरसी नहीं लाई होती तो लोग प्रदर्शन नहीं करते और मेरी पत्नी उनमें शामिल नहीं होती और मेरा बेटा जीवित होता।’

अपने दूसरे बेटे के साथ नाजिया और आरिफ

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