BALRAMPUR: में रविवार को ग्रामीणों ने रोक मवेशियों से भरे तीन ट्रक
1 min readकिसी भी चालक के साथ अभद्रता नहीं हुई है। बताया जाता है कि इसी बीच किसी पशु चिकित्साधिकारी की गाड़ी मौके पर पहुंच गई। गुस्साए ग्रामीणों ने ट्रकों व अधिकारी के गाड़ी की चाभी निकाल ली। मौके पर पहुंचे नेवाजपुर के ग्राम प्रधान डा. भूलन ने ग्रामीणों का गुस्सा शांत कराया। उन्होंने ट्रक चालकों से मवेशियों की लोडिंग का कागज मांगा। चालकों ने बताया कि वे एसडीएम व तहसीलदार के कहने पर मवेशियों को जंगल छोड़ने जा रहे हैं जिससे संबंधित कोई कागज नहीं मिला है ट्रक चालकों के साथ हाथापाई की।इस समस्या से किसान आजिज आ चुके हैं। अधिकारियों व ग्रामीणों के बीच तीखी झड़प हुई थी। ग्रामीण इस बात पर राजी हुए थे कि मवेशियों को जंगल में छोड़ दिया जाए। एसडीएम सदर व तहसीलदार ने मवेशियों को छह ट्रकों में भरकर जंगल भेजा था।ग्रामीणों को संदेह था कि ट्रक में भरे मवेशी उनके इलाके में छोड़े जाएंगे जिससे फसलों को भारी नुकसान होगा। देर रात मवेशियों को जंगल में छोड़ने में कामयाबी मिली है। जिले में छुट्टा मवेशियों की समस्या चालकों ने बताया कि वे मवेशियों को जंगल छोड़ने जा रहे हैं। ग्रामीणों को ट्रक चालकों की बात पर भरोसा नहीं हुआ। उन्हें लगा कि मवेशियों को किसी सूनसान स्थान पर छोड़ दिया जाएगा। वे बाद में हमारी फसलों को नुकसान पहुंचाएंगे।विकराल रूप धारण करती जा रही है। तीन ट्रक बरहवा रेंज की ओर भेजे गए थे जबकि दो ट्रक व एक डीसीएम भांभर रेंज की ओर मवेशियों को भरकर रवाना हुए। ट्रकों के साथ कोई सुरक्षा कर्मी नहीं भेजे गए। यह बात प्रशासन की बड़ी चूक मानी जा रही है। मवेशियों से भरे तीन ट्रक करीब साढ़े आठ बजे रात को खरझार पुल पहुंचे। वहां नेवाजपुर के कुछ लोगों ने ट्रकों को रोक दिया। काफी मान मनौव्वल के बाद वह ग्रामीणों को समझाने में कामयाब रहे। तय हुआ कि गांव के कुछ लोग ट्रकों के साथ जंगल तक जाएंगे। ट्रकों के जंगल जाने की सूचना हर्रैया पुलिस को दी गई ताकि रास्ते में कोई घटना न होने पाए। देर रात मवेशियों को जंगल में छोड़ा गया है। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि ग्रामीणों ने गलतफहमी में ट्रकों को रोका था।