भारत को एकीकृत वायुरक्षा हथियार प्रणाली देगा अमेरिका, 1.86 अरब डॉलर का है सौदा
1 min readराष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे से ठीक पहले अमेरिका ने भारत को एकीकृत वायुरक्षा हथियार प्रणाली (आईएडीडब्लूएस) बेचने की मंजूरी दे दी है। भारत करीब 1.867 अरब डॉलर का यह सौदा अपने सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने के लिए कर रहा है।अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने सोमवार को बताया कि ट्रंप प्रशासन ने भारत को हथियार प्रणाली बेचने के फैसले की जानकारी अमेरिकी संसद को दे दी। दूसरी ओर भारत ने इस दौरे से पहले अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन से 2.6 अरब डॉलर के सैन्य हेलीकॉप्टर सौदे की भी तैयारी कर ली है।
अमेरिकी विदेश विभाग कांग्रेस को भेजी अधिसूचना में बताया है कि भारत इस हथियार प्रणाली का इस्तेमाल अपनी सेना के आधुनिकीकरण, वायु सेना की क्षमता में विस्तार और हवाई हमले की स्थिति में उससे निपटने के लिए करना चाहता है।
यह सौदा भारतीय रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के साथ ही अमेरिका, भारत तथा अन्य सहयोगियों के बीच सहयोग को मजबूती देगा। विदेश विभाग ने बताया है कि भारत एक आईएडीडब्लूएस खरीदना चाहता है। साथ ही पांच एएन/एमपीक्यू-64एफ1 राडार सिस्टम, 118 एएमआरएएएम-एआईएम-120सी-7 और सी-8 मिसाइल, 134 एमआईएम-92एल मिसाइल सहित कई अन्य हथियारों और उपकरणों की खरीद का भी अनुरोध किया है।
भारतीय रक्षा और उद्योग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार ने अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन से सैन्य हेलीकॉप्टर सौदे की तैयारी कर ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ट्रंप के दौरे से पहले दोनों देशों के सामरिक रिश्ते को पूरी तरह पक्का करने के लिए हर बाधा दूर कर लेना चाहती है, ताकि चीन को टक्कर दे सके।
उम्मीद है कि पीएम मोदी की सुरक्षा संबंधी कैबिनेट कमेटी भारतीय नौसेना के लिए 24 एमएच-60आर सीहॉक हेलीकॉप्टर खरीद को दो हफ्ते में मंजूरी दे देगी। रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह दोनों सरकारों के बीच का सौदा है।
उन्होंने बताया कि लॉकहीड मार्टिन और भारत सरकार के बीच सौदे को लेकर लंबी बातचीत की अवधि घटा कर हेलीकॉप्टर खरीद की जाएगी और इन्हें जल्द भारतीय पोतों पर तैनात किया जाएगा। अमेरिका से 2007 के बाद से भारत की रक्षा खरीद बढ़कर 17 अरब डॉलर तक पहुंच गई है।
सेना के आधुनिकीकरण में जुटा भारत चीन से इस अंतर कम करना चाहता है। बताया जाता है कि राष्ट्रपति ट्रंप 24 फरवरी को अपने पहले आधिकारिक दौरे पर भारत आएंगे, हालांकि अभी इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।