सुभाष चोपड़ा ने कहा की मैं चुनाव में कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी लेता हूं
1 min readहार की जिम्मेदारी लेते हुए सुभाष चोपड़ा ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से दिया अपना इस्तीफा उन्होंने कहा मैं दिल्ली विधानसभा चुनावों में पार्टी के पराजय की जिम्मेदारी लेता हूं। मेरे पास समय कम था, लेकिन फिर भी मैंने अपने सारे प्रयास लगा दिए। मैंने कभी दिल्ली में ऐसी राजनीति नहीं देखी, जहां मतदाता AAP द्वारा किए गए विज्ञापनों से प्रभावित हुए और इसके लिए मतदान किया
सुभाष चोपड़ा ने पिछले साल अक्टूबर में डीपीसीसी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. 72 वर्षीय चोपड़ा पहले भी 1998 से 2003 तक दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं. वह 1998 से 2013 तक लगातार तीन बार कालकाजी विधानसभा सीट से विधायक भी रहे हैं. उन्होंने जून 2003 से दिसंबर 2003 तक दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष की भूमिका निभाई देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस का यहां एक बार फिर सूपड़ा साफ हो गया. वह न सिर्फ खाता खोलने में विफल रही, बल्कि 63 सीटों पर तो उसके उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई.
शीला दीक्षित के नेतृत्व में 15 साल तक सत्ता में रही कांग्रेस को पिछली बार की तरह इस बार भी एक भी सीट नहीं मिली. इस बार उसकी इतनी बुरी हालत रही कि कांग्रेस का मत प्रतिशत पांच से नीचे आ गया और 63 सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. बादली, गांधीनगर और कस्तूरबा नगर में उसकी जमानत बची. उसने कुल 66 सीटों पर चुनाव लड़ा था और चार सीटें सहयोगी राजद के लिए छोड़ दी थी.
दिल्ली चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया. चोपड़ा के अनुसार उन्होंने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा मैंने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. अब आलाकमान को मेरे इस्तीफे पर निर्णय लेना है