क्या बिहार चुनाव में एक नाव की सवारी करेंगे नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार?
1 min readबीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के मुद्दे के जरिए ध्रुवीकरण का खुला खेला है और नीतीश कुमार की पार्टी साथ में चुनाव लड़ रही थी. अब बिहार में साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार के सुशासन बाबू नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या एक ही नाव पर सवारी करेंगे?
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद अब बिहार में सियासी मुकाबला होना है. बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. यही वजह है कि दिल्ली के चुनाव नतीजों पर जिन लोगों की सबसे गहरी नज़र रही होगी, उनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम मुख्य रूप से शामिल है. दिल्ली के सियासी दंगल में बीजेपी नेताओं ने हिंदुत्व और राष्ट्रवाद कार्ड के जरिए ध्रुवीकरण का खुला खेल खेला है. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार के सुशासन बाबू नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या एक ही नाव पर सवारी करेंगे या फिर अपनी-अपनी ढपली और अपना-अपना राग होगा?
दिल्ली के नतीजे बिहार में डालेंगे असर
दिल्ली के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार लंबे अरसे के बाद पहली बार बिहार के बाहर बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरे थे. जेडीयू का बेशक दिल्ली के चुनाव में कोई खास दांव नहीं था, वो दो ही सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन जिस तरह से उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ चुनावी जनसभाएं की हैं. ऐसे में दिल्ली के चुनाव के नतीजे बिहार की राजनीति पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से असर डाल सकते हैं.
बिहार में दो दलों के नहीं, दो गठबंधन के बीच संग्राम
बिहार विधानसभा चुनाव दो दलों के बजाय दो गठबंधनों के बीच होने की संभावना है. एनडीए में बीजेपी के अलावा जेडीयू और एलजेपी हैं और दूसरी ओर महागठबंध में आरजेडी, कांग्रेस, आरएलएसपी और कुछ अन्य छोटी पार्टियां होंगी. इसके अलावा जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार इन दिनों बिहार में काफी सक्रिय हैं और सीएए के खिलाफ लगातार बड़ी-बड़ी जनसभाएं कर रहे हैं, ऐसे में वामपंथी दल भी मैदान में किस्मत अजमाने उतरेंगे.