संकट के बीच कमलनाथ सरकार की आज देगी अग्नि परीक्षा
1 min readबतादे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मध्य प्रदेश में सियासी पारा हाई है. राजनीतिक गतिविधियां उफान पर हैं. विधानसभा सचिवालय ने देर रात कार्यसूची जारी की. कमलनाथ सरकार को आज सदन में अपना बहुमत साबित करना है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों अपने सदस्यों को व्हिप जारी कर चुकी हैं. देर रात विधानसभा सचिवालय ने कार्यसूची जारी की जिसमें 2 बजे का समय मत विभाजन का तय किया है.उससे पहले दोपहर सीएम कमलनाथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीट हैं.
इनमें से 2 विधायकों के निधन के कारण 2 सीट खाली हैं. इस तरह कुल 228 विधायक थे.इनमें से कांग्रेस के बागी 22 विधायकों के इस्तीफे स्पीकर ने मंजूर कर लिए हैं. इस तरह अब 206 विधायक शेष हैं. सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 104 विधायक चाहिए.लेकिन कांग्रेस के पास इस वक्त सिर्फ 92 विधायक हैं वही बताती चलू की कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी और निर्दलीय विधायकों की संख्या कुल मिलाकर 7 है.
अगर सारा गुणा भाग कर लिया जाए तो भी ये आंकड़ा 99 पर पहुंचता है. यानि बहुमत से 5 कदम दूर.उधर बीजेपी के पास 107 विधायक हैं. हालांकि वो दावा सिर्फ 106 विधायकों का कर रही है. उसने राज्यपाल के सामने परेड में भी 106 विधायक ही शामिल किए थे. पार्टी ने अपने विधायक नारायण त्रिपाठी का नाम उस सूची में शामिल नहीं किया था. त्रिपाठी जुलाई में दंड विधि संशोधन विधेयक पर कमलनाथ सरकार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर चुके हैं.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मध्य प्रदेश विधान सभा सचिवालय ने देर रात कार्यसूची जारी की. कार्य सूची के मुताबिक दोपहर 2 बजे विश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन होगा. सुप्रीम कोर्ट ने आज शाम 5 बजे तक सरकार को बहुमत साबित करने का समय दिया है इससे पहले जब विधानसभा की कार्यवाही की कार्यसूची जारी होने में देर हुई
तो नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति और अपना पत्र तामील करवाने आधी रात विधानसभा पहुँचे. भार्गव ने विधानसभा स्थित अध्यक्ष और प्रमुख सचिव महोदय के कक्ष में गए. लेकिन दोनों मौजूद नहीं थे. उनकी अनुपस्थिति में गोपाल भार्गव दोनों की टेबल पर अपना पत्र और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति छोड़कर आए.