कोरोना वायरस के डर से मुंबई से लोग रहे पलायन
1 min readमुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर यात्रियों के भारी भीड़ के चलते अफरा-तफरी की स्थिति बन गई. शुक्रवार रात स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल को खासी मशक्कत करनी पड़ी दरअसल, इस वक्त मुंबई और पुणे में काम करने वाले कोरोना के डर से पलायन कर रहे हैं. वहीं, यात्रियों की अचानक बढ़ी भीड़ को देखते हुए रेलवे ने कई स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय फैसला किया है.
इसके लिए टिकटों की बुकिग भी शुरू हो गई है.रेल मंत्रालय ने घोषणा की है कि 21/22 मार्च की आधी रात यानी ठीक 12 बजे से 22 मार्च की देर रात 10 बजे तक, 22 घंटे कोई भी यात्री ट्रेन नहीं चलेगी. हालांकि, रेल मंत्रालय ने पहले ही दिन सात घंटे की यात्रा पूरी कर चुकी पैसेंजर ट्रेन के लिए राहत का इंतजाम किया है. ऐसी ट्रेनों के गंतव्य तक परिचालन की अनुमति होगी.बता दें कि भारत में कोरोना के करीब 250 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. इससे निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है.
कई ऐसी कंपनी है जो अपने कर्मचारियों को छुट्टी दे दी है, जिसके चलते लोग ऐसे में अब लोग जल्दी से अपने अपने गांव जाने की तैयारी में जुट गए है, जिसके चलते लंबी दूरी की और जाने वाले रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ होने लगी है.महाराष्ट्र के चार शहरों में सरकार के दुकानों और विभिन्न संस्थानों को बंद करने के फैसले के बाद मुंबई थम सी गई है। मुंबई और पुणे में असंगठित क्षेत्र के हजारों श्रमिकों ने पलायन शुरू कर दिया है
एक ओर जहां सरकार ने कोविड-19 से बचने के लिए घरों के अंदर रहने की सलाह दी है, वहीं इन श्रमिकों के घर वापसी के लिए इकट्ठा होने से स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है 2011 की जनगणना के अनुसार मुंबई, जिसमें मुंबई शहर, मुंबई उपनगर और ठाणे जिला शामिल हैं, में 1 करोड़ प्रवासी रहते हैं।
इनमें से 30 प्रतिशत प्रवासी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था से अपनी आजीविका कमाते हैं। 31 मार्च तक के लिए की गई बंदी की सबसे अधिक मार इन श्रमिकों को ही पड़ी जो लोग शहर छोड़कर जा रहे हैं, उन्हें कहा गया है कि भविष्य में उन्हें नौकरी वापस मिलने में दिक्कत हो सकती है, इसके बावजूद वे नहीं रुक रहे हैं।