राजनीति के ‘संत’ MP के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी का निधन,
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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी का रविवार को निधन हो गया. कैलाश जोशी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. जोशी के निधन की खबर से प्रदेश में शोक की लहर फैल गई है. 91 वर्षीय बीजेपी नेता कैलाश जोशी को हाल ही में तबीयत बिगड़ने के चलते भोपाल के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कैलाश जोशी ने रविवार की सुबह 11 बजकर 24 मिनट पर अंतिम सांस ली. इससे पहले भी जोशी की तबीयत बिगड़ी थी, तब सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अस्पताल जाकर उनसे मुलाकात की थी और उनका हाल जाना था.
कैलाश जोशी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया. पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कैलाश जोशी जी एक ऐसे निष्ठावान व्यक्ति थे, जिन्होंने मध्य प्रदेश के विकास में एक मजबूत योगदान दिया. उन्होंने मध्य भारत में जनसंघ और भाजपा को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की. उन्होंने एक प्रभावी विधायक के रूप में अपनी पहचान बनाई. उनके निधन से दुख हुआ है. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना. ओम शांति.
वहीं, कैलाश जोशी के निधन के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई बीजेपीू नेता भोपाल स्थित निजी अस्पताल पहुंच गए हैं. शिवराज सिंह चौहान ट्वीट कर लिखा कि मध्यप्रदेश की राजनीति को नई दिशा देने वाले, निर्धन और कमजोर की आवाज़, विनम्र व मृदुभाषी राजनेता, पूर्व मुख्यमंत्री श्रद्धेय कैलाश जोशी के अवसान के साथ ही एक युग का अंत हो गया. उनके चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम, विनम्र श्रद्धांजलि.
बता दें कि सन 1955 में कैलाश जोशी हाटपीपल्या नगरपालिका के अध्यक्ष चुने गए. सन् 1962 से निरन्तर बागली क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य रहे. सन 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना से ही उसके सदस्य बने. आपातकाल के समय में एक माह भूमिगत रहने के बाद दिनांक 28 जुलाई, 1975 को विधान सभा के द्वार पर गिरफ्तार होकर 19 माह तक मीसा में नजरबंद रहे. 24 जून, 1977 को कैलाश जोशी मध्यप्रदेश के इतिहास में पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री हुए. हालांकि, 1978 में अस्वस्थता के कारण उन्होंने मुख्यमंत्री पद त्याग दिया था.