चीन ने उतारा अपना पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर, जानें ताकत के मामले में कहां खड़ें हैं बाकी देश.
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अमेरिका के पास फिलहाल 11 एयरक्राफ्ट कैरियर हैं और उसका सबसे नवीनतम एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड है, जिसे उसने जुलाई 2017 में ही अपने बेड़े में शामिल किया है। परमाणु शक्ति से चलने वाला यह एयरक्राफ्ट अपने विशालकाय कर्मी दल जिसमें 6 हजार लोगों के साथ 90 एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर ले जाने में सक्षम है।

अमेरिका नौसेना के पास 8 वॉस्प श्रेणी के और एक अमेरिकन श्रेणी का हमलावर जहाज (एक अन्य जहाज 2020 में बेड़े का हिस्सा बनने वाला) है। यह फ्रांस के चाल्र्स डे गोल्ले के आकार के हैं, जो कि काफी अधिक विमानों को ले जाने में सक्षम हैं। रूसी नौसेना फिलहाल परेशानियों से जूझ रही है। उसका एक एयरक्राफ्ट कैरियर आग में घिर गया।
विश्व स्तर पर यदि एयरक्राफ्ट कैरियरों की बात करें तो सबसे अधिक एयरक्राफ्ट कैरियर अमेरिका के पास हैं। अमेरिका के पास 11 जबकि चीन, इटली और ब्रिटेन के पास दो-दो एयरक्राफ्ट कैरियर हैं। भारत, फ्रांस, रूस, स्पेन और थाइलैंड के पास एक-एक एयरक्रॉफ्ट कैरियर हैं। यही नहीं चीन के पास अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल डीएफ-41 भी है जो अमेरिका और रूस को टक्कर दे सकती है।
55 हजार टन वजनी जहाज पीपुल लिबरेशन आर्मी नेवीज (पीएलएएन) की महत्वकांक्षाओं में उल्लेखनीय उभार है। लिओनिंग के बाद यह चीन का दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर है। लिओनिंग वास्तव में 1980 के दशक के मध्य में सोवियत संघ में बना था और इसे डेलियान में पुन: निर्मित किया गया। इसे पीएलएएन में 2012 में एक टेनिंग शिप के तौर पर शामिल किया गया।