LUCKNOW: ( P.G.I ) में डॉक्टर की सलाह पाने से ज्यादा ( O.P.D ) पंजीकरण कराना हुआ कठिन, जानिये पुरा मामला
1 min readरात (P.G.I) की सुविधाओं का हाल लिया तो इंतजामों की कलई खुल गई। गर्मी, उमस और मच्छरों के बीच मरीज रात गुजारने को मजबूर दिखे। कोई घास पर लेटकर अपनी बारी का इंतजार कर रहा तो कोई फुटपाथ पर। सुबह गेट खुलने पर अपने नम्बर के हिसाब से मरीज लाइन में लग जाते हैं। छह बजे से पंजीकरण शुरू होता है। पंजीकरण के लिए मरीजों को पूरी रात फुटपाथ पर गुजारनी पड़ रही है।
(O.P.D) ब्लॉक से लेकर आधा किलोमीटर की दूरी तक तीमारदार कतार में लेट व बैठकर इंतजार करने को मजबूर हैं। रात करीब ढाई बजे न्यू (O.P.D) ब्लॉक के बाहर सैकड़ों की संख्या में मरीज व तीमारदार लाइन से लेटे थे। (O.P.D) के बाहर तो पांच लाइनों में मरीज लेटे थे। सभी मरीज कतारबद्ध थे। उमस से मरीज बेहाल थे।
ज्यादातर (O.P.D) बामुश्किल आधे घंटे में फुल हो जाती है। हैरानी की बात यह है कि मरीजों की दुश्वारियों और पीड़ा को दरकिनार कर कई विभागों में गिनकर नए मरीज देखे जाते हैं। बड़ी संख्या में मरीजों का नम्बर ही नहीं आ पाता है। मजबूरन दूसरे दिन पंजीकरण के लिए लाइन में लग जाते हैं। ऐसा तब है कि सैकड़ों की संख्या में मरीज इलाज की आस में आ रहे हैं।