नेपाल चीन सीमा पर चीन की इमारते बनाने को लेकर चीनियों ने दी अपनी ख़ास सफाई :
चीन और नेपाल की सीमा पर अब तक चल रहे विवादों के नेपाल सरकार ने बयान जारी किया है कहा गया है की नेपाल की सीमा के अंदर चीनियों ने किसी तरह का निर्माण नहीं किया है।
नेपाली विदेश मंत्र्यालय ने अपने आधिकारिक में कहा है डिपार्टमेंट ऑफ़ सर्वे ने नेपाल सरकार के आधिकारिक डाक्यूमेंट्स के अनुसार जॉइंट फील्ड इंस्पेक्शन किया तथा सीमा मानचित्र की जांच की गयी और वह पाया गया की इमारत नेपाली जगह पपर नहीं बनायी गयी है।
नेपालियो में अपने बयान में कहा गया की यह याद दिलाना ज़रूरी है की सदाल 2016 में भी मीडिया में इन् निर्माणों को लेकर कई बड़ी खबरे आयी थी लेकिन जांच की टीमों में यह पाया गया की यह निर्माण चीनियों के सीमा के एक किलोमीटर अंदर गया था।
चीन भी कह चूका है की हमला जिले में ऊँचे पहाड़ी के दर्र के पास नेपाल चीनी सीमा पर बनायी गयी यह इमारते उसके अपने छेत्र में है।
इस रविवार को छेत्र का दौरा करने गए नेपाल के एक प्रतिमंडल से चीनी के सैनिको ने जो कहा वही बातें काठमांडू में चीनियों के दूतावास की ओर से भी कही गयी है।
भारत तथा नेपाल में 10 गज्ज ज़मीन को लेकर छिड़ा विवाद
नेपाल भारत की तरह चीनी के खिलाफ भी सख्त रवैया अपनाएगा।
हाल ही में खबर आयी थी की चीनी ने कथिक तौर पर नेपाल के इलाके में कंक्रीट की 11 इमारत बनायी है और एक नंखा नमक गाँव में एक सौर ऊर्जा केंद्र भी बनाया है
दावा किया था की चीनी ने हुम्ला जिले में नेपाल चीनी सीमा पर 11 और 12 नवंबर के खम्बो के बीच निर्माण किया था नेपाल के नगपालिका के अध्यक्ष और प्रतिमंडल के सददस्य विष्णु बहादुर तमांग ने बताया जा रहा है की दोनों पक्षों के बीच में बातचीत नहीं हिओ पायी क्यूंकि चीनी अधिकारियों ने कहा की वो चीनी की सीमा के अंदर के इलाको के मामलो पर बातचीत नहीं करि जायेगी।