किशोर का यौन शोषण करने के मामले में तीन लोगो को हुई 10 वर्ष की सजा
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विशेष अदालत ने एक किशोर का यौन शोषण करने के मामले में तीन व्यक्तियों को दोषी ठहराते हुए 10 वर्ष की सजा सुनाई है। तीनों पर कांदिवली में वर्ष 2013 में यौन शोषण का आरोप लगा था। न्यायाधीश ए.डी. देव ने भारतीय दंड संहिता की धारा 377 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम (पोक्सो) के तहत विक्की चिंडालिया, सुनील चिंडालिया और दीपक चिंडालिया को दोषी करार दिया है।
न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा, ‘तीनों अभियुक्तों ने परिपक्व होते हुए भी एक 14 साल के बच्चे को अपना शिकार बनाया। उस घटना का बच्चे के दिमाग और आत्मा पर विपरीत असर हुआ। अदालत ने जिला न्यायिक सहायता सेवा को निर्देश दिया है कि वे किशोर के माता-पिता को सरकारी मुआवजा मिलने में सहायता करें। मुआवजे से अपराध के शिकार हुए किशोर का सम्मान तो वापस नहीं आ सकता, लेकिन कम से कम कुछ सांत्वना जरूर मिलेगी।
मुकदमे के दौरान अपराध के शिकार हुए किशोर के अतिरिक्त अभियोजन पक्ष ने आठ प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी दर्ज किए। पीड़ित किशोर ने अदालत को बताया कि तीनों दोषी उसकी बिल्डिंग के पीछे चॉल में रहते थे। किशोर जब अपने भाई के साथ 10 दिसंबर, 2013 को ट्यूशन से लौट रहा था, तब विक्की उसे जबरन मनपा के बगीचे में स्थित चौकीदार के कमरे में ले गया था। वहां विक्की ने किशोर का अप्राकृतिक यौन शोषण किया। इसके बाद सुनील और दीपक ने भी किशोर का यौन शोषण किया था।