मुख्यमंत्री के पद पर अड़ी शिवसेना ने भाजपा से मांगा लिखित आश्वासन
1 min read
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद शनिवार को शिवसेना के नवनिर्वाचित विधायकों की मातोश्री में उद्धव ठाकरे से मुलाकात के दौरान निर्णय लिया गया कि जिस प्रकार अमित शाह जी ने लोकसभा चुनावों से पहले 50-50 फार्मूले का वादा किया था, उसी प्रकार दोनों सहयोगी दलों भाजपा और शिवसेना को 2.5-2.5 वर्षों के लिए सरकार चलाने का मौका मिलना चाहिए। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमें भाजपा से लिखित में ये आश्वासन चाहिए। गौरतलब है कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बहुमत मिला है। लेकिन सत्ता किसकी होगी इसका फैसला दीवाली के बाद ही लिया जाएगा। महाराष्ट्र में हाल ही में हुए 288 सीटों का चुनाव परिणाम आ चुका है। परिणाम के आते ही सत्ता को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है।
गृह मंत्री अमित शाह ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को बधाई देते हुए कहा है कि सत्ता को लेकर अब दिवाली के बाद ही वार्ता होगी। इस मामले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि भाजपा शिवसेना के मुख्यमंत्री पद को बांटने की मांग को नही मानेगी, अगर 56 सीट जीतने वाली शिवसेना ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग करती है तो भाजपा उसके साथ कोई समझौता नहीं करेगी। सामना में शुक्रवार को लिखे संपादकीय के अनुसार अभी इस बात का विश्लेषण करने में समय लगेगा कि शिवसेना-भाजपा ने 2014 की तुलना में कम सीटें क्यों जीती हैं।
लेकिन महाराष्ट्र की जनता के फैसले से साफ जाहिर हो रहा है कि यह महज जनादेश, महाजनादेश या क्लीन स्वीप नहीं। राज्य की जनता ने दूसरी पार्टियों को तोड़े जाने अस्वीकार कर दिया है। जनता का संदेश साफ है कि हमोर पैर सदैव जमीन पर होने चाहिए। चुनाव होने से पहले, राकांपा के नेता भाजपा में शामिल तो हो गए थे लेकिन चुनावों में जनता ने इसे समझा। इसी वजह से एनसीपी ने इन चुनावों में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र में बिना किसी नेता वाली कांग्रेस को भी 37 सीटें मिली। विधानसभा चुनाव के नतीजे शिवसेना और भाजपा के पक्ष में हैं। ये सरकार के लिए सबक की तरह है जिसका सोचना है कि वह जो कर रही है वही कानून है।