April 24, 2024

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CBI के शिकंजे में फंसे हरीश रावत ने अब दिया ये बयान

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HARISH RAWAT

HARISH RAWAT

 

उत्तराखंड की सियासत में भूचाल का सबब बने स्टिंग प्रकरण में उलझे कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीबीआई के मुकदमे को लेकर सत्ता पक्ष के जीरो टॉलरेंस पर सवाल उठाया है। फेसबुक पेज पर बयान जारी कर हरीश रावत ने कहा है कि सीबीआई ने एक और नेता पर मुकदमा दर्ज किया है लेकर भाजपा इस मामले में चुप है। भाजपा को पता है कि यह नेता मानव बम है और इसको छेड़ा तो उनको नुकसान भी उठाना पड़ेगा।

 

कहा कि सत्ता पक्ष की मुसीबत यह है कि वह इस ‘मानव बम’ रूपी नेता के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाता है तो उनके जीरो टॉलरेंस के नारे पर सवाल उठता है। सीबीआई की लिस्ट में कई और भी इस तरह के मानव बम हैं। इसी के साथ इस पोस्ट में हरीश रावत ने एक बार फिर से अपनी सफाई भी पेश की है। उनका कहना है कि वे तो दल बदल के मामले में इत्तेफाकन उलझ गए थे। वास्तविक किरदार तो अभी बाहर हैं। यही वजह है कि जीरो टालरेंस का नारा देने वालों को आंख मूंदनी पड़ रही है।

 

अभी तक साफ इनकार कर रहे पिथौरागढ़ के पूर्व विधायक मयूख महर को मनाने की जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने ऊपर ले ली है। रावत का कहना है कि उन्हेें पूरा विश्वास है कि मयूख उनका आग्रह नहीं टालेंगे। पिथौरागढ़ के उपचुनाव घोषित हो चुका है। कांग्रेस की अब पूरी कोशिश है कि इस सीट को भाजपा से झटक लिया जाए। इसके लिए कांग्रेस का पूरा दारोमदार पिथौरागढ़ के पूर्व कांग्रेस विधायक मयूख महर पर है।

 

मयूख हरीश रावत के नजदीकी हैं और पिथौरागढ़ में प्रकाश पंत को खासी टक्कर भी देते आएं हैं। कांग्रेस की मुसीबत यह है कि मयूख इस बार उपचुनाव में मैदान में उतरने को तैयार नहीं है। फेसबुक पेज पर बयान जारी कर हरीश रावत ने कहा है कि मयूख महर कांग्रेस के सबसे मजबूत प्रत्याशी हैं। वे खुद मयूख महर से इस मामले में बात करेंगे। उन्हें पूरा विश्वास है कि मयूख अपने अनुरोध को नहीं टालेंगे। हरीश रावत का यह भी कहना है कि उपचुनाव में खुद पांच सात दिन मयूख के समर्थन में पिथौरागढ़ में रहेंगे।

 

इसी के साथ हरीश रावत ने पिथौरागढ़ उपचुनाव लड़ने से साफ इनकार भी कर दिया है। दरअसल, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री किशोर उपाध्याय ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को प्रत्याशी बनाने का सुझाव दिया था। किशोर ने ट्वीट कर कहा था कि कांग्रेस को सबसे मजबूत प्रत्याशी को मैदान में उतारना चाहिए। मयूख महर मना कर रहे हैं तो कांग्रेस पूर्व सीएम हरीश रावत को पिथौरागढ़ चुनाव में प्रत्याशी बनाए। हरीश रावत की यह कर्मभूमि भी रही है और कांग्रेस के लिए जरूरी है कि वह कोई कोना न छोड़ा।

 

कांग्रेस के पास वैसे चुनाव में मैदान में उतारने के लिए और भी प्रत्याशी हैं। पूर्व राज्य सभा सदस्य प्रदीप टम्टा भी बागेश्वर से हैं। कांग्रेसी मथुरा प्रसाद जोशी चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। लेकिन कांग्रेस अभी मयूख महर की हामी का ही इंतजार कर रही है।

मैं हक कल्मी नहीं करता हूं। मैं शारीरिक रूप से ऐसी स्थिति में नहीं हूं कि बहुत अधिक चुनावी राजनीति में भाग ले सकूं। हां, इतना जरूर है कि मयूख महर उम्मीदवार होंगे और मैं कम से कम पांच से सात दिन तक पिथौरागढ़ में प्रवास करूंगा। – हरीश रावत, राष्ट्रीय महासचिव कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री
 

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