May 7, 2024

Sarvoday Times

Sarvoday Times News

भारत से जंग की तैयारी, चीन ने लद्दाख के पास तैनात कीं घातक तोपें, बनाए आधुनिक बैरक:

1 min read

चीन की मीडिया ने दावा किया है कि पीपुल्‍स ल‍िबरेशन आर्मी ने पहली बार अपने लद्दाख से सटे तिब्‍बत के नागरी इलाके में अपने सैनिकों के लिए नए आधुनिक बैरक बनाए हैं और भारी तोपें तैनात की हैं। चीनी ने मीडिया ने कहा कि पीएलए ‘युद्ध की तैयार‍ियों’ के तहत इसे अंजाम दे रही है। पुराने और अस्‍थाई बैरक की जगह पर सैनिकों के लिए नए तथा स्‍थायी बैरक का निर्माण किया जा रहा है।

इससे पहले सैटलाइट से मिली तस्‍वीरों से पता चला था कि चीन नागरी इलाके और एयरबेस पर में बड़े पैमाने निर्माण कार्य कर रहा है जो वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इस खुलासे के बाद अब पहली बार चीन ने माना है कि वह एलएसी पर बड़े पैमाने पर तैयारियों में जुटा हुआ है। चीनी मीडिया ने यह नहीं बताया कि कितने सैनिक तैनात किए गए हैं लेकिन तस्‍वीरों से पता चल रहा है कि चीन ने बड़ी संख्‍या सैनिक यहां पर तैनात किए हैं।

India-China Border Tension समाचार | पर नवीनतम समाचार India-China Border  Tension

लद्दाख की भीषण ठंड से चीन की हेकड़ी गुम, अब अलापने लगा शांति का राग

हिंदुस्‍तान टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन का यह सैन्‍य ठिकाना करीब 15000 फुट की ऊंचाई पर है और वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के एक प्रमुख युद्ध के मोर्चे के बिल्‍कुल पास हो सकता है। चीन के नागरी प्रांत की सीमाएं भारत, नेपाल और चीन के उइगर बहुल शिंजियांग इलाके से मिलती हैं। इस इलाके में चीन की सबसे कम जनसंख्‍या निवास करती है। इसी प्रांत में कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील भी स्थित है।

इन बैरक का मकसद युद्ध की तैयारी: CCTV
भारत और चीन के बीच विवाद का मुद्दा बना देमचोक इलाका भी यहीं पर है। चीन के सरकारी टीवी चैनल सीसीटीवी ने यह नहीं बताया कि चीन ने इन बैरक का निर्माण कब शुरू किया और उसे बनाने में कितना समय लगा। हालांकि उसने यह दावा किया कि कई नई तकनीकों की मदद से इन सैन्‍य सुविधाओं का बहुत तेजी से निर्माण किया गया है। चीनी सेना पीएलए ने भी नए बैरक की तस्‍वीर जारी की है। इसमें कई विशाल इमारतें शामिल हैं। इसके अलावा तोपों को छ‍िपाने के लिए कई बैरक बनाए गए हैं।

सन 1962 के भारत चीन युद्ध में चीन ने युद्ध विराम क्यों मान लिया था? - Quora

सीसीटीवी ने कहा कि इन बैरक का मकसद युद्ध की तैयारी करना है। उसने कहा, ‘बैरक के अंदर हर चीज को चौड़ा बनाया गया है ताकि तेजी से सैनिकों को इकट्ठा किया जा सके। युद्ध के लिए जरूरी सामान के गोदाम और गैरेज को जोड़ा गया है ताकि आपातकालीन स्थिति में तेजी से हथियारों को लोड करके सैनिकों को भेजा जा सके। इन नए बैरक के बनाए जाने से सैनिकों को आसानी से इलाके में ढलने का मौका म‍िलेगा।

loading...
Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.