September 15, 2024

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देश का पहला राजघराना: जिसके सम्मान में जारी होगा 100 रुपए का स्मारक सिक्का:-

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केंद्र सरकार राजमाता विजयाराजे सिंधिया के सम्मान में उनके जन्म शताब्दी अवसर पर 100 रुपये का स्मारक सिक्का 12 अक्टूबर को जारी करेगी। इसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। सिंधिया राजघराना देश का पहला ऐसा राज परिवार है, जिसके सदस्य के सम्मान में स्मारक सिक्का जारी हो रहा है। ग्वालियर को यह सम्मान दूसरी बार मिल रहा है। इससे पहले भारत रत्न अटल विहारी वाजपेयी के सम्मान में भी 100 रुपये का स्मारक सिक्का जारी हो चुका है। राजमाता विजयराजे सिंधिया भाजपा की संस्थापक सदस्य रहीं है। भाजपा में उनकी विरासत को अब तक प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे संभाल रहीं थीं। 6 माह पहले राजमाता के नाती ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनके पद्चिन्हों पर चलते हुए भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है।

Countrys first royal house: commemorative coin of 100 rupees will be issued  in honor of

सिक्के की विशेषता

सिक्कों के संग्रहकर्ता सुधीर लूणावत ने बताया कि अब तक देश के किसी भी राजपरिवार के सदस्य के नाम स्मारक सिक्का जारी नहीं हुआ है। राजमाता विजयराजे सिंधिया पर जारी होने वाले 100 रुपये का स्मारक सिक्का कोलकाता की टकसाल में तैयार हुआ है।

इसके पहले भाग पर राष्ट्र का प्रतिक चिन्ह अशोक स्तंभ व इसके नीचे सत्यमेव जयते अंकित है। हिंदी में भारत व रोमन में इंडिया अंकित है। इसके पिछले भाग पर राजमाता विजयाराजे सिंधिया का सुंदर चित्र है। चित्र के गोलाकार में विजयाराजे सिंधिया जन्म शताब्दी चित्र के नीचे जन्म दिनांक 1919 व जन्म शताब्दी वर्ष 2019 अंकित है। यह सिक्का प्रचलन में कभी नहीं आएगा। केवल संग्रहकर्ताओं के लिए हैं।

सिक्के का वजन – 35 ग्राम

चांदी – 50 प्रतिशत

अन्य धातुओं का मिश्रण- 50 प्रतिशत

गोलाई 44 मिली मीटर

(अनुमानित कीमत -2500 से 2600 सुनील लूणावत के अनुसार)

राजपथ से लोकपथ तक राजमाता विजयाराजे सिंधिया:

शादी से पूर्व का नाम- लेखादेवीश्वरी

जन्म दिनांक 12 अक्टूबर 1919

जन्म स्थान सागर (मध्यप्रदेश)

पिता का नाम महेंद्र सिंह ठाकुर

माता का नाम- विंदेश्वरी देवी

विवाह 1941 में ग्वालियर रियासत के महाराज जिवाजी राव सिंधिया के साथ हुआ)

शादी के बाद नाम – विजयाराजे सिंधिया

राजनीति में पहला कदम – 1957 में पहली बार पं.जवाहर लाल नेहरु के आग्रह पर चुनाव मध्यभारत से लड़ा और जीतकर संसद में पहुंची। 1991 तक 8 बार सांसद चुनी गईंं।

स्वर्गवास – 25 जनवरी 2001

परिवार के सदस्य राजनीति में- नाती पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया, बेटी पूर्व सीएम राजस्थान वसुंधरा राजे, प्रदेश की कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया

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