महाराष्ट्र खबर :-जानिए आखिर क्या हुआ जो कांग्रेस और शिवसेना के गठबंधन होने के बाद सवाल उठने लगे पढ़े पूरी खबर !
1 min readराम मंदिर पर कोर्ट का फैसला और धारा 370 समाप्त कर बीजेपी ने कट्टरवाद के विवाद को भी हमेशा के लिए खत्म कर दिया है. हिंदुत्व और कट्टर हिंदुत्व की बात करने वाली शिवसेना को समर्थन देकर सोनिया गांधी और शरद पवार ने साफ कर दिया है कि राजनीति अब सत्ता पाने लिए ही होगी और साफ ये भी है कि अब सेक्युलर शब्द इतिहास के पन्नों का हिस्सा बन जाएगा.
केरल में कांग्रेस मुस्लिम लीग के साथ चुनावी समझौता करती आयी थी. सवाल उठते थे लेकिन कांग्रेस के सेक्युलर होने पर सवाल नहीं उठते थे. कांग्रेस ने सेक्युलर होने का अपना झंडा बुलंद रखा. बीजेपी का गठबंधन बढ़ा तो कांग्रेस समेत तमाम दलों ने आगाह किया कि सांप्रदायिक ताकतों से साथ वो नहीं जुड़े.
अब कांग्रेस खुद ही खुलकर मैदान में आ गयी है. जिस पार्टी के साथ मंच साझा करने में मुश्किल होती थी, उसी शिवसेना के साथ हाथ मिलाकर महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गयी. महाराष्ट्र में बने नए गठबंधन ने इस लकीर को मिटा दिया. अब ये कहने से गुरेज नहीं कर सकते हैं सेक्युलरिज्म और गैर सेक्युलर को बांटने वाली पतली रेखा अब खत्म हो गयी.
एक अरसे से कांग्रेस हो या फिर समाजवाद का धारा बुलंद करने वाली पार्टियां, सबने एक वोट बैंक बनाया था. जिसमें सेक्युलर शब्द खासा मायने रखता था. 2019 के लोकसभा चुनावों तक सेक्युलर बनाम गैर सेक्युलर का विवाद चलता रहा. लेकिन बीजेपी आगे बढ़ती गई. सोनिया गांधी, राहुल गांधी, लालू यादव, मुलायम सिंह यादव, ममता बैनर्जी, चंद्रबाबू नायडू, देवगौड़ा देशभर में ऐसी लंबी लिस्ट है जिन्होंने सेक्युलरिज्म के नाम पर लंबा राज किया.