देशद्रोह मामले में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को अदालत ने सुनाई मौत की सजा
1 min readपाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब सेना प्रमुख के पद पर रहे किसी शख्स को राजद्रोह के मामले में अदालत की ओर से सजा-ए-मौत सुनाई गई है। पेशावर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता वाली विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने दो-एक से 76 वर्षीय मुशर्रफ के खिलाफ यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया। रिपोर्ट के मुताबिक, अगले 48 घंटों में फैसले की पूरी कॉपी आने की संभावना है।
इस मामले में कल यानी सोमवार को तब नया मोड़ आ गया था जब लाहौर हाईकोर्टने मुशर्रफ की याचिका पर पाकिस्तान सरकार को नोटिस जारी कर निर्देश दिया था कि वह इस्लामाबाद की विशेष अदालत के समक्ष लंबित राजद्रोह मामले की कार्यवाही पर रोक लगा दे। अपने आवेदन में मुशर्रफ ने हाईकोर्ट से गुजारिश की थी कि वह विशेष अदालत में उनके खिलाफ राजद्रोह के मामले में लंबित सभी कार्यवाहियों को असंवैधानिक करार दे।
दिसंबर को करने की बात कही थी। साथ ही साथ विशेष अदालत ने पूर्व पाकिस्तानी तानाशाह को निर्देश दिया था कि वह पांच दिसंबर तक मौजूद होकर अपना बयान दर्ज कराएं। इस मामले की सुनवाई विशेष अदालत की जस्टिस वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल ने की है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, यदि मुशर्रफ को इस मामले में दोषी करार दिया जाता है तो उन्हें फांसी की सजा हो सकती है। पाकिस्तान के इतिहास में मुशर्रफ ऐसे पहले सेना प्रमुख हैं जिनपर 31 मार्च 2014 को देशद्रोह के मामले में आरोप तय किए गए हैं।