पैरंट्स मांग रहे बच्चे को जीने देने का अधिकार, अस्पताल कोर्ट से लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटाने की मांग रहा अनुमति
1 min readमैनचेस्टर के सेंट मैरी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि तीन माह के बच्चे के सिर में जो चोट लगी है वो उससे कभी उबर नहीं पाएगा, फिलहाल वो कोमा में है। इस वजह से उसे मर जाने देना ज्यादा बेहतर होगा। जबकि उसके माता-पिता इसके लिए तैयार नहीं है। इस बच्चे का नाम मिडार अली है। डॉक्टरों ने मिडार अली के माता-पिता को बताया कि वह कभी भी मस्तिष्क की चोट से उबर नहीं पाएगा और उसे मर जाने देना ठीक रहेगा।
अस्पताल के डॉक्टरों ने तीन महीने की होने वाली मिडार से उस पर लगाए गए लाइफ सपोर्ट सिस्टम को हटाने की मंजूरी देने के लिए कहा है। बच्ची के माता-पिता इस बात पर अडिग है। उनका कहना है कि उनका बच्चा सुधर रहा है। अभी उस पर लगाए गए लाइफ सपोर्ट सिस्टम को हटाने की जरूरत नहीं है।
साल 2017 में एक मामला सामने आया था जिसमें पैरंट्स ने अपने बच्चे के लिए इसी तरह से लड़ाई लड़ी थी। उसके माता-पिता ने 2017 में इसी तरह की लड़ाई लड़ी थी और पांच साल की तफीगा रकीब, जिसके माता-पिता ने हाल ही में उसे इलाज के लिए इटली ले जाने का अधिकार हासिल किया था।
फिलहाल तीन माह का मिडार कोमा में है। मिडार की मां शोखन को एक सामान्य गर्भावस्था थी, लेकिन जन्म के दौरान कुछ जटिलताएं हुई। बच्चे के मस्तिष्क को जो आक्सीजन मिलनी चाहिए थी वो उसे नहीं मिल पाई जिसकी वजह से वहां का प्रॉपर विकास नहीं हो पाया। 35 वर्षीय जैव-चिकित्सा वैज्ञानिक अली ने कहा जब बच्चे का जन्म हुआ उस समय सब कुछ ठीक था। गर्भनाल पहले बाहर आ गई।
हमारे पास मिडार के उंगली हिलाने के वीडियो हैं। और वह जवाब देता है जब हम अपना हाथ उसकी छाती पर रखते हैं। वह अपने सिर को मोड़ने और अपनी छाती को फैलाने की कोशिश करता है। वह कोशिश कर रहा है इस वजह से उसे अभी और समय चाहिए। ऐसे में अस्पताल की ओर से उसका लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटाना किसी तरह से ठीक नहीं है।