CAA: लोगों को नागरिकता देने के लिए है न कि किसी की नागरिकता छीनने के लिए.
1 min read‘आइडिया ऑफ इंडिया’ के विपरीत है। भारत की गंगा-जमुनी तहजीब की साझी विरासत गौरव करने लायक है। लेकिन किसी कानून से सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचना भी उचित नहीं है। एक बात स्पष्ट है कि भारतीय मुसलमानों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसे नागरिकता दी जा रही है और किसे नहीं। इस संशोधित कानून में भी ऐसा कुछ नहीं है जिससे भारतीय मुसलमानों को डरने की जरूरत है।
भारत की गंगा-जमुनी तहजीब की साझी विरासत गौरव करने लायक है। लेकिन किसी कानून से सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचना भी उचित नहीं है। एक बात स्पष्ट है कि भारतीय मुसलमानों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसे नागरिकता दी जा रही है और किसे नहीं। इस संशोधित कानून में भी ऐसा कुछ नहीं है जिससे भारतीय मुसलमानों को डरने की जरूरत है।
पहली नजर में ये दोनों ही चीजें अलग दिखती भी हैं। लेकिन तकनीकी तौर पर एनआरसी और नागरिकता कानून में गहरा संबंध है, और इस पूरे विरोध की वजह यही है। सरकार एनआरसी को पूरे देश में लागू करने की बात कह रही है। ऐसे में नागरिकता कानून लागू हो जाने के बाद यह समझा जा रहा है कि एनआरसी से भारतीय मुस्लिमों को नुकसान हो सकता है।