उन्नाव की एक और दुष्कर्म पीड़िता की मौत, पुलिस पर ऐक्शन नहीं लेने का लगाया था आरोप।
1 min readजीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. जीडी यादव के मुताबिक युवती ने बोलना भी बंद कर दिया था। उसकी धीरे-धीरे हालत बिगड़ती चली गई। वह 85 फीसद जली थी। उसके गले, हाथ-पैर, पीठ, फेफड़े से लेकर नीचे का पूरा हिस्सा बुरी तरह जला था। अंदरुनी अंगों में सूजन से सांस लेने में तकलीफ शुरू हो गई। शनिवार सुबह दम घुटने पर उसके फेफड़े में ट्यूब डालकर ऑक्सीजन दी गई।
पीडि़ता ने गांव के ही अवधेश सिंह समेत चार लोगों के खिलाफ 30 सितंबर को हसनगंज कोतवाली में दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस तत्काल कार्रवाई करने के बजाय जांच के नाम पर पीडि़ता को दो माह तक टालती रही। इस बीच आरोपित ने हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली और पीडि़ता के साथ उसके परिवार का गांव में मजाक बनाने लगा।
उन्नाव में पांच दिन पहले एसपी कार्यालय में आत्मदाह करने के लिए खुद को आग के हवाले करने वाली दुष्कर्म पीड़िता एलएलआर(हैलट) अस्पताल में शनिवार देर शाम जिंदगी की जंग हार गई।
इस बीच आरोपित ने हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली और पीडि़ता के साथ उसके परिवार का गांव में मजाक बनाने लगा। युवती ने पुलिस के आलाधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी। पूरी तरह टूट चुकी पीड़िता ने 16 दिसंबर को एसपी कार्यालय में खुद को आग लगा ली थी।