एआर रहमान ने मनाया अपना 53वां जन्मदिन , जाने कुछ रोचक बाते
1 min readनई दिल्ली: बॉलीवुड को ऑस्कर और ग्रैमी अवॉर्ड जैसे सम्मान दिलाने वाले संगीतकार AR Rahman की धुनों ने पूरी दुनिया में एक अलग ही मुकाम हासिल किया है. उन्होंने भारतीय सिनेमा के संगीत को नए उच्चाईयों तक पहुंचाया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक दौर ऐसा भी था जब यह महान संगीतकार अपना जीवन खत्म करने के बारे में सोच रहा था. एआर रहमान जन्म 6 जनवरी 1967 को दक्षिण भारत में मद्रास के एक हिन्दू परिवार में हुआ था उनका असली नाम ए एस दिलीप कुमार था. लेकिन 23 साल की उम्र में उन्होंने अपना धर्म बदल लिया. दरअसल रहमान की बहन काफी बीमार हो गई थी. जिसके बाद उन्होंने अपना धर्म परिवर्तन किया. जिसके बाद अल्लाह रखा रहमान बन गए. आज अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर जानते हैं उनके जीवन से जुड़ा यह दर्दनाक रहस्य.
AR Rahman के जीवन में एक समय ऐसा भी था जब वह खुद को असफल मानते थे और लगभग हर दिन खुदकुशी के बारे में सोचा करते थे. ऑस्कर विजेता संगीतकार ने दो साल पहले अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ”25 साल तक, मैं खुदकुशी करने के बारे में सोचता था. हम में से ज्यादातर महसूस करते हैं कि यह अच्छा नहीं है. क्योंकि मेरे पिता का इंतकाल हो गया था तो एक तरह का खालीपन था… कई सारी चीजें हो रही थीं.” इसके आगे उन्होंने कहा, ”लेकिन इन सब चीजों ने मुझे और अधिक निडर बना दिया. मौत निश्चित है. जो भी चीज बनी है उसके इस्तेमाल की अंतिम तिथि निर्धारित है तो किसी चीज से क्या डरना.” संगीतकार ने ‘नोट्स ऑफ ए ड्रीम : द ऑथराइज्ड बायोग्राफी ऑफ एआर रहमान’ में अपने मुश्किल दिनों और अन्य घटनाओं के बारे में बात की. इस किताब को कृष्ण त्रिलोक ने लिखा है.
ए आर रहमान बचपन से ही हुनरबाज थे. वो बचपन में ही एक साथ 4 कीबोर्ड बजा लेते थे. वो कई शोज का हिस्सा बने. लेकिन उन्हें असली पहचान साल 1992 में आई फिल्म रोजा से मिली. इस फिल्म का संगीत लोगों का दीवाना बना गया. जिसके बाद उन्होंने बॉम्बे, रंगीला, दिल से, टाल,पुकार, लगान, रंग दे बसंती, जोधा अकबर, युवराज, गजनी और स्लमडॉग मिलेनियर जैसी कई फिल्मों में संगीत दिया.