शिवसेना ने उठाए केंद्र की मंशा पर सवाल जब भीमा कोरेगांव मामला एनआईए को सौंपने गया
1 min readभीमा कोरेगांव एलगार परिषद हिंसा से संबंधित जांच की जिम्मेदारी एनआईए को सौंपे जाने के बाद शिवसेना ने भी भाजपा पर निशाना साधा है। शिवसेना ने केंद्र सरकार पर गैर भाजपा शासित राज्यों में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है। शिवसेना ने कहा है कि भूखे भेड़िए की तरह एनआईए को महाराष्ट्र में भेजा, यह ठीक नहीं है। इस संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री से चर्चा कर रास्ता निकाला जा सकता था।शिवसेना ने अपने मुखपत्र में ‘केंद्र का हस्तक्षेप ये उचित नहीं’ शीर्षक के तहत संपादकीय लिखा है कि भारत राज्यों का एक संघ है। इसलिए हर राज्यों के अपने अधिकार और स्वाभिमान हैं। केंद्र की ओर से जबरन उठाए गए इस कदम से अस्थिरता आ रही है। आरोप लगाया है कि एलगार परिषद मामले की जांच एनआईए को सौंप कर केंद्र प्रतिशोध की राजनीति कर रही है।
जबकि पुणे पुलिस इस मामले में संदिग्ध माओवादी संबंधों की जांच कर रही थी। शिवसेना ने सवाल किया कि इस तरह की बहुत सी घटनाएं भाजपा शासित राज्यों में हो रही हैं लेकिन वहां केंद्र क्यों दखल नहीं देता। जिस प्रकार से केंद्र ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की जांच की जिम्मेदारी एनआईए को सौंपी है क्या वह नहीं चाहती कि सच सामने आए।
संपादकीय में लिखा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने भीमा कोरेगांव दंगा एक राजनीतिक एवं राष्ट्रीय षड्यंत्र बताया था। इसी गुप्त शक्ति के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जान को खतरा पैदा हो गया था। सबूत के तौर पर बेनामी पत्र और ईमेल आदि मिले हैं, लेकिन देश की सत्ता उलटने की क्या साजिश थी। लोग इसे अब तक समझ नहीं पाए।