December 16, 2024

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एयर इंडिया ,88 साल बाद फिर टाटा की हो जाएगी कंपनी

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जिस एयरलाइन्स की 88 साल पहले जेआरडी टाटा ने नींव रखी थी, ऐसा लगता है वह फिर टाटा की होने वाली है। संकट से जूझ रही एयर इंडिया के लिए 17 मार्च तक बोलियां मंगाई गई हैं और टाटा ग्रुप इस नैशनल कैरियर के लिए अपनी दावेदारी को लेकर अपने प्लान को अंतिम रूप देने के बेहद करीब है। टाटा ग्रुप सिंगापुर एयरलाइन्स के साथ मिलकर एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की तैयारी कर रहा है और सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों मिलकर इस अधिग्रहण को स्वरूप देने के लिए काम शुरू कर चुके हैं।


बता दें कि साल 1932 में जेआरडी टाटा ने ही एयर इंडिया की नींव रखी थी और 1946 में इसका नैश्नलाइजेशन कर दिया गया था। शुरुआत में इसका नाम टाटा एयरलाइन्स हुआ करता था और नैशनलाइजेशन के बाद 1948 में इसका नाम एयर इंडिया कर दिया गया था। अब यह एयरलाइन वापस टाटा घराने के पास जा सकती है। टाटा ग्रुप प्लान को सफल बनाने की कोशिश में जुटा है। उसके प्लान में एयर एशिया इंडिया का मर्जर(इसमें टाटा की 51% हिस्सेदारी) और एयर इंडिया एक्सप्रेस शामिल हैं, जो एयर इंडिया की 100% सब्सिडियरी है।

खबरें ऐसी भी हैं कि टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया एक्सप्रेस खरीदने की मंजूरी के लिए मलयेशियाई आंत्रप्रन्योर टोनी फर्नांडिस से भी संपर्क किया है, जो एयर एशिया में 49% हिस्सेदारी रखते हैं। शेयरधारक समझौते के मुताबिक, अगर फर्नांडिस तैयार नहीं हैं तो टाटा ग्रुप किसी अन्य बजट एयरलाइन्स में 10 फीसदी से ज्यादा निवेश नहीं कर सकता।

एयर एशिया को विदेशी उड़ान के लिए मंजूरी का इंतजार
सूत्रों के मुताबिक, जल्द एक नए समझौते पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं। टाटा ग्रुप ने एयर एशिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के मर्जर का प्रस्ताव रखा है। सूत्र ने बताया, ‘इस मर्जर से भारतीय एविएशन सेक्टर में फर्नांडिस का बड़ा शेयर हो जाएगा, इसलिए दोनों पार्टनर्स के लिए जीत का ही सीन है।’

एयर एशिया की शुरुआत टाटा ग्रुप और फर्नांडिस के बीच एक जॉइंट वेंचर के तहत 2013 में हुई थी। टाटा एक और फुल-सर्विस कैरियर विस्तारा ऑपरेट करता है, जो सिंगापुर एयरलाइन्स के साथ जॉइंट वेंचर है। इसमें टाटा ग्रुप की 51% हिस्सेदारी है। हाल में टाटा सन्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बताया था, ‘बगैर मर्जर के हम तीसरी एयरलाइन नहीं चला सकते।’ एयर इंडिया और विस्तारा का साथ टाटा ग्रुप को फुल-सर्विस स्पेस में एकाधिकार दिला सकता है।


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