कोरोना वायरस से भारतीय कॉटन कारोबार को झटका, चीन से निर्यात सौदों पर लगी रोक
1 min readचीन में कोरोना वायरस के प्रकोप से दुनिया भर में कई तरह के कारोबार पर भी असर पड़ रहा है. इसके चलते देश के कपास कारोबार को भी झटका लगा है. चीन असल में भारत का प्रमुख कॉटन आयातक देश है.
चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते भारत से कॉटन निर्यात पर विपरीत असर पड़ने की संभावना बनी हुई है. भारत दुनिया में कॉटन का सबसे बड़ा उत्पादक है और चीन प्रमुख आयातक देश है. इस महीने चीन को करीब पांच लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) कॉटन निर्यात की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण चीन को कॉटन निर्यात पर असर की संभावना जताई जा रही है.
रुक गया निर्यात सौदा
गुजरात के कड़ी के कॉटन कारोबारी दिलीप पटेल ने बताया कि चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते इस समय निर्यात के सौदे नहीं हो रहे हैं. चीन में नया साल का अवकाश के बाद बाजार खुलने पर पांच लाख गांठ कॉटन निर्यात होने की उम्मीद की जा रही थी.
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अतुल गणत्रा ने हाल ही में न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि चालू कॉटन सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में भारत ने चार लाख गांठ कॉटन चीन को निर्यात किया है और फरवरी में पांच लाख गांठ और निर्यात होने की उम्मीद है.
इस साल कितना हुआ था निर्यात
एसोसिएशन के अनुसार, भारत ने चालू सीजन में 20 लाख गांठ कॉटन का निर्यात किया है और सीजन के आखिर तक 42 लाख गांठ निर्यात होने का अनुमान है, जबकि आयात 25 लाख गांठ होने की उम्मीद है.
भारत में इस साल कॉटन की बंपर पैदावार है. कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के जनवरी महीने के आकलन के अनुसार, देश में चालू सीजन में 354.50 लाख गांठ कॉटन का उत्पादन है. कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के ताजा आकलन के अनुसार, इस सीजन के दौरान देश में कॉटन की कुल आपूर्ति 411.50 लाख गांठ रहेगी, जिसमें आयात और उत्पादन के साथ-साथ पिछले साल का बकाया स्टॉक 32 लाख गांठ शामिल है.