करौली के पुजारी हत्याकांड में राजस्थान सरकार ने दिए CB-CID जांच के आदेश:-
1 min readराजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने करौली जिले के बुकना गांव में मंदिर के पुजारी बाबूलाल वैष्णव को पेट्रोल डालकर जिदा जलाने के मामले की सीबी-सीआइडी जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दो परिवारों के बीच जमीन विवाद को जातीय रूप दिया जा रहा है। इस बीच, बसपा प्रमुख मायावती ने इस मामले को लेकर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान में जंगल राज है। निर्दोषों की हत्याओं के साथ अनुसूचित जाति के लोगों और महिलाओं का उत्पीड़न चरम पर है। वहीं, दिल्ली के भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर 25 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। इस बीच, मुख्य आरोपित कैलाश मीणा की दोनों बेटियों ने पुजारी के घर पहुंचकर हंगामा किया। उनका कहना था कि उनके पिता को गलत फंसाया जा रहा है। घटना के समय वह खेत में मौजूद थीं, उनके सामने पुजारी ने खुद को आग लगाई।
उन्होंने उसे बचाने की कोशिश भी की। पीड़ित परिवार को सांत्वना देने विभिन्न दलों व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि पहुंच रहे हैं, लेकिन सत्तारूढ़ दल कांग्रेस का कोई भी प्रतिनिधि अब तक नहीं पहुंचा। राज्य के किसी मंत्री के पहुंचने की बात तो दूर है, क्षेत्रीय कांग्रेस विधायक रमेश मीणा ने भी सुध नहीं ली है।
रविवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि गहलोत सरकार अपराधियों पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही है। कांग्रेस नेताओं को हाथरस से पहले राजस्थान को देखना चाहिए। मिश्रा के अतिरिक्त कई संस्थाएं पुजारी के स्वजनों से मिले। विश्व सनातन धर्म संस्था उत्तरप्रदेश के अरुण शर्मा ने एक लाख, परशुराम सेना की महिला प्रकोष्ठ ने 21 हजार, विप्र फाउंडेशन ने 50 हजार की सहायता मुहैया कराई। परिजनों का बैंक खाता बंद होने के कारण मदद की राशि ट्रांसफर नहीं की जा सकी।
मालूम हो कि मंदिर की जमीन के विवाद में गांव के ही कैलाश मीणा और उसके साथियों ने बुधवार को पुजारी बाबूलाल वैष्णव को पेट्रोल छिड़ककर जिदा जला दिया था। काफी दबाव पड़ने के बाद सरकार ने 10 लाख रुपये की सहायता, प्रधानमंत्री आवास योजना में डेढ़ लाख की लागत से मकान निर्माण और एक आश्रित को संविदा पर नौकरी देने का आश्वासन दिया। लेकिन, अभी तक सिर्फ दो आरोपित कैलाश मीणा व टिल्लू को ही गिरफ्तार किया गया है। अन्य आरोपित शंकर, नमो, किशन व रामलाल फरार हैं।