May 2, 2024

Sarvoday Times

Sarvoday Times News

लोन पर ब्याज छूट को लेकर वित्त मंत्रालय का बड़ा फैसला जानिये जानकारी :-

1 min read

वित्त मंत्रालय ने कोविड-19 संकट के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से कर्ज चुकाने को लेकर दी गई मोहलत से जुड़े ब्याज से छूट देने को लेकर दिशानिर्देश को मंजूरी दे दी है।

मोदी सरकार का बड़ा फैसला! नहीं छपेंगे सरकारी कैलेंडर, डायरी और कॉफी टेबल  बुक्स; अब होगा सिर्फ डिजिटल प्रकाशन - The Financial Express

इसके तहत 2 करोड़ रुपए तक के कर्ज पर 6 महीने के लिए दी गई मोहलत के दौरान संचयी ब्याज यानी ब्याज पर ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के बराबर राशि का भुगतान सरकार करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को आरबीआई की तरफ से कर्ज लौटाने को लेकर दी गई मोहलत के तहत 2 करोड़ रुपए तक के कर्ज पर ब्याज छूट योजना को जल्द- से जल्द लागू करने का निर्देश दिया था। उसके बाद यह दिशानिर्देश आया है।

वित्तीय सेवा विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देश के अनुसार कर्जदार संबंधित ऋण खाते पर योजना का लाभ ले सकते हैं। यह लाभ एक मार्च, 2020 से 31 अगस्त, 2020 की अवधि के लिए है।

इसके अनुसार जिन कर्जदारों के ऊपर 29 फरवरी तक कुल ऋण 2 करोड़ रुपए से अधिक नहीं है, वे योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र होंगे।

Ministry Of Finance Says There Is No Restriction Or Ban On Filling Up Of  Posts In Govt Of India - सरकारी भर्ती पर कोई रोक नहीं, पहले की तरह ही होंगी  भर्तियां :

इस योजना के तहत होम लोन, एजुकेशन लोन, क्रेडिट कार्ड बकाया, वाहन कर्ज, एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), टिकाऊ उपभोक्ता सामन के लिए लिया गया कर्ज और खपत के लिए लिया ऋण आएगा।
गाइडलाइंस के अनुसार बैंक और वित्तीय संस्थान पात्र कर्जदारों के ऋण खाते में मोहलत अवधि के दौरान ब्याज के ऊपर ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर की राशि डालेंगे।
यह उन सभी पात्र कर्जदाताओं के लिए है, जिन्होंने आरबीआई द्वारा 27 मार्च, 2020 को घोषित योजना के तहत पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से कर्ज लैटाने को लेकर दी गई छूट का लाभ उठाया। वित्तीय संस्थान संबंधित कर्जदार के खाते में रकम डालकर उसके भुगतान के लिये केंद्र सरकार से दावा करेंगे। सरकारी खजाने पर इस योजना के क्रियान्वयन में 6,500 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।

loading...

You may have missed

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.