अब खादी के डिजाइनर के जूते बाजार में फैशन का पैमाना बनने की छोर में है ‘गांधी की सादगी’:-
1 min readराष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने खादी पर जोर दिया था। उन्हीं के नाम पर देश में खादी ग्रामोद्योग की शुरुआत भी हुई। वक्त के साथ लोगों का खादी के प्रति रुझान कम हुआ। वजह ये कि खादी में डिजाइन कपड़ों और आउटफिट्स की कमी देखी गई। हालांकि अब भारत सरकार ने खादी के डिजाइनर जूते प्रमोट करने शुरू किये हैं। इसी सिलसिले में केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा डिज़ाइन किये गये खादी के कपड़े से बने हाई क्वालिटी वाले फुटवियर की बिक्री की शुरुआत की। ये जूते रेशमी, सूती और ऊनी खादी के कपड़े से बनाये गए हैं। जो पहनने में बेहद आरामदेह हैं। गडकरी ने केवीआईसी के ई-पोर्टल www.khadiindia.gov.in के जरिए खादी के इन फुटवियरों की ऑनलाइन बिक्री का शुभारंभ किया। गडकरी ने खादी के जूते को अनूठा उत्पाद बताया। साथ ही उम्मीद जाहिर की कि इस तरह के उत्पाद की मांग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी।
खादी ग्रामोद्योग के हैंडबैग, पर्स और बाकी उत्पाद भी
केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी के अनुसार केवीआईसी की योजना यहीं थमने वाली नहीं है। बल्कि आने वाले समय में महिलाओं के हैंडबैग, पर्स और इसी तरह के खादी से बने उत्पाद बाजार में उतारे जाएंगे। अच्छी बात ये कि लोग अब खादी के उत्पाद ऑनलाइन भी आसानी से खरीद सकेंगे। केंद्रीय मंत्री गडकरी के मुताबिक खादी अब दुनिया में हिट होने वाली है और उम्मीद है कि आउटफिट्स के 5000 करोड़ से अधिक के बाजार पर खादी की हिस्सेदारी होगी।
खादी के जूते और सामान सस्ते
खादी ग्रामोद्योग की तरफ से तैयार जूते सस्ते और टिकाऊ होंगे। इनका विदेशों में भी निर्यात किया जा सकेगा। खादी ग्रामोद्योग ने फिलहाल महिलाओं के लिए 15 डिज़ाइनों और पुरुषों के लिए 10 डिज़ाइनों को लॉन्च किया है। इन फुटवियरों को अनूठा बनाने के लिए गुजरात के पटोला सिल्क, बनारसी सिल्क, बिहार के मधुबनी प्रिंटेड सिल्क, खादी डेनिम, तसर सिल्क, मटका-कटिया सिल्क, विभिन्न प्रकार के सूती कपड़े, ट्वीड ऊन और खादी के पॉली वस्त्र जैसे उत्तम खादी उत्पादों का इस्तेमाल किया गया है। खादी के ये उत्पाद कई डिजाइन्स, कलर और प्रिंट में उपलब्ध होंगे। खादी के जूते रेगुलर और उत्सव में पहनने के लिहाज से अलग अलग तैयार किये गए हैं। खादी के जूतों की कीमत 1100 रुपये से लेकर 3300 रुपये प्रति जोड़ी रखी गई है।
खादी करेगा 1000 करोड़ रुपए का रोजगार
खादी ग्रामोद्योग की कोशिश है कि वो कुल बाजार में कम से कम 2 फीसदी कब्जा करते हुए सालाना 1000 करोड़ का कारोबार करे। खादी के कपड़े के बने जूते विकसित करने के पीछे प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल का विचार समाहित माना जाता है। इसी सिलसिले में 0केवीआईसी ने टाइटन के साथ हाथ मिलाते हुए खादी कलाई घड़ी लॉन्च की थी, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया।
ये फुटवियरखादीऔर विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन के पोर्टल पर बेचे जाएंगे। गडकरी ने कहा कि देश के फुटवियर सेक्टर में असीमित रोजगार के अवसर हैं। चीन और अमेरिका के बाद भारत में सबसे अधिक जूते बनते हैं। विश्व में ये कुल एक लाख पैंतालीस हजार करोड़ की इंडस्ट्री है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उम्मीद जाहिर की कि फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी के जरिये खादी को प्रचार मिल सकेगा। इसके लिए अभिनेत्री और नेता हेमा मालिनी से मंत्रालय औपचारिक अनुरोध करेगा।