आज नए साल का प्रारंभ इस विधि से करें पूजा शनि देव होंगे प्रसन्न
1 min read
आज नए साल का प्रारंभ मासिक शिवरात्रि से हो रहा है. पौष माह की मासिक शिवरात्रि आज 01 जनवरी 2022 दिन शनिवार को है. शनिवार की मासिक शिवरात्रि का बड़ा ही महत्व है. आज के दिन भगवान शिव की पूजा करने से शनि देव भी प्रसन्न होते हैं और हनुमान जी भी.
हनुमान जी स्वयं रुद्रावतार है, वहीं शनि देव के आराध्य भगवान शिव हैं. आज ऐसा अवसर है कि आप भगवान शिव की आराधना करके तीनों ही देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं. इस नए साल 2022 के अवसर पर जानते हैं मासिक शिवरात्रि व्रत एवं पूजा विधि के बारे में.
मासिक शिवरात्रि 2022 व्रत एवं पूजा विधि
- मासिक शिवरात्रि से पूर्व रात में तामसिक भोजन न करें. मदिरा आदि के सेवन से भी दूर रहें. अगली सुबह यानी मासिक शिवरात्रि के प्रात: स्नान आदि से निवृत होकर साफ कपड़े पहन लें. अब हाथ में जल, अक्षत् और फूल लेकर मासिक शिवरात्रि व्रत एवं शिव पूजा का संकल्प करें.
- मासिक शिवरात्रि पूजा का मुहूर्त रात्रि प्रहर का है. यदि आपके लिए संभव न हो तो आप अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट के मध्य भगवान शिव की पूजा करें. वैसे आप प्रात:काल में भी पूजा कर सकते हैं.
- घर पर शिवलिंग को गंगाजल और गाय के दूध से अभिषेक करें. बेलपत्र पर ओम नम: शिवाय लिखकर शिव जी को अर्पित करें. उसके बाद फूल, फल, भांग, शमी पत्ता, धतूरा, मदार पुष्प, मिठाई, शहद आदि चढ़ाएं.
- इसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें. उसके उपरान्त मासिक शिवरात्रि व्रत कथा का श्रवण करें. फिर अंत में शिव जी की आरती करें. पूजा के समस शिव मंत्रों का जाप रुद्राक्ष की माला से कर सकते हैं. शिव पूजा के बाद माता पार्वती और गणेश जी की पूजा करें.
- इसके बाद शनि देव को भी फूल, अक्षत्, धूप, सरसों के तेल का दीपक, फल, काला तिल, काला वस्त्र आदि अर्पित करें. पूजा के बाद गरीबों को दान दें और भोजन कराएं.
- दिन में फलाहार करें और रात्रि के समय भगवत जागरण करें. अगले दिन प्रात: स्नान आदि के बाद पारण करके मासिक शिवरात्रि व्रत को पूरा करें. इस प्रकार से आपका मासिक शिवरात्रि व्रत संपन्न होगा.
loading...