लालबाग दुकान विवाद: सुप्रीम कोर्ट से राहत के बावजूद पीड़ित भय के साए में, पुलिस पर लापरवाही का आरोप
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लखनऊ, संवाददाता।
लालबाग मार्केट की दुकान संख्या 18 को लेकर चल रहा विवाद अब प्रशासनिक निष्क्रियता और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बावजूद किराएदार अजय और तरुण चतुर्वेदी को न्याय नहीं मिल पा रहा है। घटना को दस दिन बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस ने अभी तक न तो आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है और न ही सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन कराया है।
पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि विपक्षी पक्ष द्वारा उन्हें लगातार धमकाया जा रहा है और उनके व्यवसाय में व्यवस्थित रूप से बाधा पहुंचाई जा रही है। इससे न केवल उनका व्यापार प्रभावित हो रहा है, बल्कि वे गंभीर मानसिक तनाव से भी जूझ रहे हैं।
अजय चतुर्वेदी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के बावजूद विपक्षियों ने पहले ही दुकान में जबरन वेल्डिंग कर दी थी, सीसीटीवी कैमरे रात के समय खराब कर दिए गए और विरोध करने पर उनके साथ बर्बरता से मारपीट की गई। इसके बावजूद पुलिस ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि थाने के लगातार चक्कर लगाने के बाद भी पुलिस टालमटोल कर रही है और प्रभावशाली पक्ष के दबाव में कार्यवाही से बच रही है। उनका कहना है कि न तो मुकदमा दर्ज किया गया है और न ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है।
स्थानीय व्यापारी वर्ग ने भी इस मामले को लेकर चिंता जताई है और प्रशासन से मांग की है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो तथा पीड़ितों को सुरक्षा और न्याय प्रदान किया जाए।
यह मामला साफ दर्शाता है कि अदालत से आदेश मिलने के बावजूद अगर पुलिस निष्क्रिय बनी रहे, तो आम नागरिक की सुरक्षा और न्याय की उम्मीदें किस हद तक प्रभावित हो सकती हैं।

