April 18, 2025

Sarvoday Times

Sarvoday Times News

भगवान गणेश की पूरे विधि विधान के साथ पूजा करने से भक्तों पर प्रसन्न होकर उनके दुखों को हरते है

1 min read

हिंदू मान्यताओं के अनुसार कोई भी शुभ कार्य करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जानी जरूरी है. बुधवार को पूरे विधि विधान के साथ भगवान गणेश की पूजा की जाती है.

भगवान गणेश भक्तों पर प्रसन्न होकर उनके दुखों को हरते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. भगवान गणेश खुद रिद्धि-सिद्धि के दाता और शुभ-लाभ के प्रदाता हैं. वह भक्‍तों की बाधा, सकंट, रोग-दोष और दरिद्रता को दूर करते हैं.

शास्‍त्रों के अनुसार श्री गणेश जी की विशेष पूजा का दिन बुधवार है. लेकिन प्रथम पूज्य गणपति भगवान को तुलसी अर्पित करना या उनके भोग में शामिल करना वर्जित माना जाता है. ऐसा किसलिए है, आइये जानते हैं इस पौराणिक कहानी के बारे में.

पौराणिक कहानी के अनुसार धर्मात्मज नाम का एक राजा हुआ करता था. उसकी एक बेटी थी, जिसका नाम तुलसी था. तुलसी अपने विवाह की इच्छा लेकर लम्बी यात्रा पर निकलीं. कई जगहों की यात्रा करने के बाद तुलसी को गंगा किनारे तप करते हुए भगवान श्री गणेश नज़र आये.

तप के दौरान भगवान गणेश रत्न से जड़े सिंहासन पर विराजमान थे. उनके समस्त अंगों पर चंदन लगा हुआ था. गले में उनके स्वर्ण-मणि रत्न पड़े हुए थे और कमर पर रेशम का पीताम्बर लिपटा हुआ था. उनके इस रूप को देख कर माता तुलसी ने गणेश जी से विवाह करने का मन बना लिया.

तुलसी भगवान गणेश के पास गयीं और उन्होंने गणेश जी की तपस्या भंग कर दी. फिर गणेश जी के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा. तपस्या भंग होने से श्री गणेश नाराज़ हो गए.

उन्होंने तुलसी के विवाह प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा, कि मैं एक ब्रह्माचारी हूं. अपना अपमान सहकर माता तुलसी को गुस्सा आ गया और उन्होंने गणेश जी को श्राप देते हुए कहा, तुम ब्रह्माचारी नहीं रहोगे बल्कि तुम्हारे दो विवाह होंगे.

ये सुनकर गणेश जी ने भी तुलसी को श्राप दिया और कहा कि उनका विवाह एक असुर से होगा. एक असुर की पत्नी होने का श्राप सुनकर तुलसी जी ने गणेश जी से माफी मांगी.

इस पर श्री गणेश ने तुलसी से कहा कि तुम भगवान विष्णु और कृष्ण की प्रिय होने के साथ-साथ कलयुग में जगत को जीवन और मोक्ष देने वाली मानी जाओगी.

तुमको सारे देवी-देवताओं के भोग में महत्त्व दिया जायेगा लेकिन मेरी पूजा में तुमको चढ़ाना अशुभ होगा. उसी दिन से भगवान गणेश की पूजा में तुलसी नहीं चढ़ाई जाती है.

loading...
Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.