रोड रेज में सजा हुई, क्या होती है रोड रेज, जानिए
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आपकी गाड़ी के साथ किसी दूसरी गाड़ी की जरा सी टक्कर हो गई। सड़क पर चलते हुए किसी बात को लेकर दूसरे राहगीर से झगड़ा हो गया। इसी गुस्से में आपने सामने वाले की पिटाई कर दी। यहां तक की हत्या करने तक मामला पहुंच गया। बस, इसे ही कहते हैं रोड रेज। सीधा हिंदी मतलब जानना है तो अर्थ है, ट्रैफिक में किसी चालक द्वारा हिंसक रोष व्यक्त करना। 1988 के रोड रेज (Road Rage Case) में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई है। रोड रोज कैसे-कैसे हो जाती है, आइये आपको बताते हैं। आपका सावधान रहना है जरूरी।
वैसे आपको बता दें कि वर्ष 2016 से पहली बार रोड रेज का डाटा रखना शुरू किया गया था। तब सामने आया था कि 513 लोगों की मौत इस वजह से हुई। सड़क पर चालक के रवैये के कारण विवाद इतना बढ़ जाता है कि कोई भी अपना आपा खो देता है। मानसिक रूप से लोगों को ये एहसास नहीं होता कि किसी की जान भी जा सकती है। हत्या होने पर हत्या करने वाले को तो जेल होती ही है, उसका परिवार भी इसका परिणाम भुगतता है। पानीपत के हैदराबादी अस्पताल के मनोविज्ञानी डा.वीरेंद्र का कहना है कि हम अपने आचरण, त्वरित लिए फैसले से रोड रेज से बच सकते हैं। दूसरों को भी सुरक्षित रख सकते हैं।
जाम में तेज म्यूजिक न चलाएं
अगर सड़क पर जाम लगा है तो आपको अपनी गाड़ी में तेज म्यूजिक नहीं चलाना चाहिए। म्यूजिक सुनना ही है तो आवाज इतनी हो कि अंदर बैठे लोग ही सुन सकें। बाहर के लोगों तक आवाज न पहुंचे। अगर शोर बाहर होता है तो बाहर के लोग इससे झुंझला सकते हैं। आपके साथ झगड़ा कर सकते हैं
तेज गति से ओवरटेक न करें। खासकर, गलत दिशा से तो बिल्कुल भी ओवरटेक न करें। अगर ऐसा करते हैं तो पीछे गाड़ी वाला आपका पीछा करके आपसे झगड़ा कर सकता है। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं।