April 20, 2025

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आज ही के दिन पिछले साल कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लगाया गया था जनता कर्फ्यू

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जनता कर्फ्यू के आज एक साल पूरे हो गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 19 मार्च के दिन एलान किया था कि 22 मार्च को देश भर में एक दिन के लिए जनता कर्फ्यू लगाया जाएगा.

देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जनता कर्फ्यू की घोषणा की थी. इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों से यह भी कहा था कि मास्क पहन कर बाहर निकलें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, हाथ को अच्छी तरीके से धोते रहें और कोरोना के सभी गाइडलाइन का पालन करें.

अपने अपील में पीएम मोदी ने कहा था .आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं, ये है जनता कर्फ्यू यानी जनता के लिए जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू पीएम मोदी की इस अपील को लोगों ने माना और कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपना सहयोग दिया.

पीएम की ओर से किए गए इस अपील के तहत सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक हर किसी को अपने घरों में कैद रहना था, कोई बाजार, कोई दुकान, कोई सार्वजनिक वाहन, कोई दफ्तर, कोई स्कूल या कॉलेज कुछ भी नहीं खोला गया था. हालांकि, बेहद जरूरी चीजों को इसमें छूट जरूर दी गई थी.

पीएम मोदी ने जनता कर्फ्यू के साथ साथ एक और ऐलान किया था कि इस दिन शाम को पांच बजकर पांच मिनट पर लोग अपने-अपने छतों और बालकनी पर खड़े होकर ताली और थाली बजाएं.

जब पीएम ने जनता कर्फ्यू का एलान किया था तब यह अनुमान लगाया गया था कि पीएम की इस अपील के बाद लोगों में जागरुकता बढ़ेगी और कोरोना के मामलों में कमी आएगी.

पीएम मोदी की अपील का देश भर में व्यापक असर हुआ था. न सिर्फ शहर बल्कि देश का हर गांव, कस्बा, गली और मोहल्ले के लोगों ने इस जनता कर्फ्यू का हिस्सा बने और पीएम को सहयोग किया. पीएम की अपील के बाद कोरोना के खिलाफ जागरुकता तो बढ़ी लेकिन संक्रमितों की संख्या बढ़ती ही गई.

जनता कर्फ्यू के बाद पीएम मोदी ने 24 मार्च को एक बार फिर देश को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने जनता कर्फ्यू के पालन करने के लिए लोगों की तारीफ की थी. इसी दौरान उन्होंने देश में 21 दिनों के पूर्ण लॉकडाउन का एलान किया था. जिसके बाद तीन और चरणों में लॉकडाउन लगाया गया था.

प्रथम चरण: 25 मार्च 2020 – 14 अप्रैल 2020 (21 दिन)
द्वितीय चरण: 15 अप्रैल 2020 – 3 मई 2020 (19 दिन)
तृतीय चरण: 4 मई 2020 – 17 मई 2020 (14 दिन)
चतुर्थ चरण: 18 मई 2020 – 31 मई 2020 (14 दिन)

लोगों को कोई भी उपाय नहीं सूझ रहा था. ऐसे में लोगों को एकमात्र उपाय यही दिख रहा था कि घर से बाहर न निकलें, ज्यादा से ज्यादा हाथ धोते रहें, नाक, मुंह और आंख को छूने से बचें. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी.

लॉकडाउन के कारण लोग परेशान होने लगे. काम-धंधे बंद हो गए. प्रवासी घरों की तरफ कूच करने लगे. परिवहन व्यवस्था बंद होने कारण प्रवासियों ने अपने-अपने घरों की कूच करना शुरू कर दिया. दिन-रात 24 घंटे प्रवासी सड़क किनारे पैदल चले जा रहे थे इस उम्मीद में कि परदेश से बेहतर है अपना घर.

दुनिया के तामम देश वैक्सीन बनाने में जुटे हुए थे. हर कोई चाह रहा था कि जल्द से जल्द वैक्सीन मार्केट में आए. अफवाहों का बाजार भी गरमा गया था. लोग सुनी सुनाई बातों पर भरोसा भी करने लगे थे. हर किसी के मन में यही सवाल उठ रहा था आखिर वैक्सीन कब आएगा.

महीनों तक चले लॉकडाउन के बाद देश अनलॉक हुआ. भारत ने वैक्सीन विकसित कर ली. आज भारत के पास कोविड-19 के दो टीके हैं. 16 जनवरी 2021 से पहले चरण के टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई. टीकाकरण की शुरुआत के बाद लोगों में उम्मीद की एक किरण जगी.

सभी लोगों के मन में आशा की एक किरण फूट पड़ी कि अब कोरोना से राहत मिल सकता है. लोगों को राहत मिलती हुई दिखाई भी दी लेकिन संक्रमितों की संख्या में गिरावट के बाद एक बार फिर उछाल देखने को मिलने लगा है. कोरोना के मरीज एक बार फिर से बढ़ने शुरू हो गए हैं. यानि हम कह सकते हैं कि एक साल में हमने बस इतनी दूरी तय की है कि जहां से चले थे वहीं पहुंच गए.

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